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जो मेरा हो कर भी मेरा नहीं अब उस शख़्स से कोई गिला नहीं आख़िरी मुलाक़ात कुछ देर और ठहरता मैं मगर उस शख़्स ने रुकने का कहा नहीं ख़्वाब अब ...